इसी साल जनवरी में हुए मेयर पद के चुनाव के दाैरान अनिल मसीह पीठासीन अधिकारी थे। वोटों के साथ छेड़छाड़ के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें लताड़ा था।
चंडीगढ़ नगर निगम सदन की बैठक में अनिल मसीह के मुद्दे पर हंगामा हो गया है। हाथापाई तक की नौबत आ गई। कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी से बीजेपी पार्षदों ने धक्का मुक्की की।
दरअसल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की तरफ से लगातार अनिल मसीह के पोस्टर लहराकर उन्हें वोट चोर कहा जा रहा था और इस संबंध में नारे लगाए जा रहे थे। इस पर अचानक अनिल मसीह निगम के वेल में आए और उन्होंने यह कहना शुरू कर दिया कि कांग्रेस के कई नेता, सोनिया गांधी, राहुल गांधी जमानत पर हैं। इसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता भी उनके पास आए और मसीह के पोस्टर को दोबारा से लहराना शुरू कर दिया।भाजपा के पार्षदों ने पोस्टर को छीनने की कोशिश की, जिसके बाद धक्का मुक्की हुई। बात इतनी बढ़ गई कि कांग्रेस के पार्षद गुरप्रीत सिंह और सीनियर डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह संधू के बीच बहस हुई। गुरप्रीत सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद ने उनके हाथ से पोस्टर को छीनने की कोशिश की।
वहीं बैठक शुरू होते ही डॉ. आंबेडकर के मुद्दे पर कांग्रेस ने भाजपा से मांगी मांगने की अपील की। वहीं बिजली बोर्ड के निजीकरण को लेकर आप और कांग्रेस पार्षदों ने बीजेपी सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन किया।