पुल का संपर्क मार्ग न बनने से 15 किमी का अतिरिक्त फेरा लगाने को मजबूर हैं ग्रामीण

पुल का संपर्क मार्ग न बनने से 15 किमी का अतिरिक्त फेरा लगाने को मजबूर हैं ग्रामीण

कोटद्वार। लोनिवि मंत्री सतपाल महाराज के गृह क्षेत्र में पीएमजीएसवाई सतपुली का जजेड़ी मोटर मार्ग खस्ताहाल है। स्थिति यह है कि सड़क किनारे बरसाती पानी की निकासी के लिए नाली तक नहीं बनाई गई हैं। इस मार्ग पर बने स्कपर, पुश्ते और सुरक्षा दीवारें भी कई जगह क्षतिग्रस्त हैं। एप्रोच रोड के अभाव में नयार नदी में एक साल पहले बने पुल पर अभी तक आवाजाही शुरू नहीं हो सकी है, जबकि पुल का उद्घाटन पहले ही हो चुका है। यह मार्ग पोखड़ा और जयहरीखाल ब्लॉक को आपस में जोड़ता है। इससे ग्रामीणों को 15 किमी का अतिरिक्त फेरा लगाना पड़ रहा है।बडोलगांव निवासी प्रदीप बडोला, आनंदमणि, राकेश बडोला, सुरेशानंद बडोला, शीशराम बडोला, ललित मोहन बडोला, कुशाल मणि बडोला, किशोरी बडोला ने बताया कि जजेड़ी, बडोलगांव, पठोल गांव, भिलाड़ीसैंण, क्वालाखाल, पटोटी समेत आसपास के करीब 15 गांवों के ग्रामीणों की मांग पर शासन ने जुबेरा लिंक मोटर मार्ग से 12 किमी जजेड़ी मोटर मार्ग के निर्माण की स्वीकृति दी। पीएमजीएसवाई को कार्यदायी संस्था बनाया गया। कार्यदायी संस्था ने वर्ष 2013 में निर्माण कार्य शुरू किया। साल 2022 में इस मार्ग का डामरीकरण किया गया। इस मार्ग के किमी चार नयार नदी में 813.88 लाख की लागत से एक साल पहले 90 मीटर स्पान स्टील गार्डर का पुल भी बनकर तैयार हो चुका है। एप्रोच रोड न बनने से पुल से अभी तक आवाजाही भी शुरू नहीं हो पाई है। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कार्यदायी संस्था की ओर से सड़क किनारे नाली का निर्माण नहीं किया गया है, जिससे बरसाती पानी सड़क पर बहने से डामर उखड़ने से सड़क पर गहरे गड्ढे पड़ गए हैं। कई जगहों पर पुश्ते, सुरक्षा दीवारें और स्कपर भी क्षतिग्रस्त हैं। ब्रस्ट वाल भी आधी अधूरी बनी हुई है। कहा कि लोनिवि मंत्री इस सड़क व पुल का उद्घाटन पूर्व में ही कर चुके हैं और निर्माण कार्य पूरा न होने के बाद भी ठेकेदारों को पूरा भुगतान भी हो चुका है। ग्रामीणों ने कहा कि रोड पर आवाजाही शुरू न होने से ग्रामीणों को 15 किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर कुण्जखाल संगलाकोटी के रास्ते आवाजाही करनी पड़ रही है। सबसे ज्यादा दिक्कत बीमार, बुजुर्ग, प्रसव वाली महिलाओं और स्कूली बच्चों को हो रही है। कहा कि ग्रामीणों को अधिग्रहित नापखेत भूमि का मुआवजा भी नहीं दिया गया है। उन्होंने मार्ग की मरम्मत करा आवाजाही शुरू करवाने और ग्रामीणों को भूमि का मुआवजा देने की मांग की है।जजेडी मोटर मार्ग पर पुल बनकर तैयार हो चुका है। बरसात के कारण पुल के एक साइड का संपर्क मार्ग नहीं बन पाया है। बरसात खत्म होते ही एप्रोच रोड का निर्माण कर आवाजाही शुरू करा दी जाएगी। क्षतिग्रस्त पुश्तों और सुरक्षा दीवार के निर्माण के लिए आपदा मद में प्रस्ताव भेजा गया है। ठेकेदार को वार्षिक अनुरक्षण मद से झाड़ी कटान और सड़क की मरम्मत कराने के लिए निर्देशित किया गया है। मुआवजा वितरण के लिए फाइल तैयार हो चुकी है।

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