पुलिस के काम करने के तरीकों पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। चाहे ड्यूटी के प्रति लापरवाही हो या आम जनता के साथ पुलिस का व्यवहार हो, ज्यादातर मामलों में पुलिसकर्मियों को आलोचना का शिकार बनना पड़ता है। पर कुछ मामले ऐसे भी होते हैं जिनसे पुलिस कर्मियों की कर्तव्यनिष्ठा एवं ड्यूटी के प्रति उनका समर्पण जनता के समक्ष उजागर होता है एवं पुलिस की सकारात्मक छवि का निर्माण होता है। ऐसे मामलों का सामने आना अत्यंत आवश्यक भी है। ऐसे ही एक मामले में कल एक मीडिया कर्मी के साथ हुए दुर्व्यवहार की घटना में स्थानीय पुलिसकर्मियों की तत्तपरता एवं उनके सहयोग से कुछ ही पलों में न सिर्फ दोषियों को पकड़ा गया एवं उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी की गई। मामला चिड़ियापुर जंगल का है जहाँ उत्तराखण्ड 27 न्यूज़ चैनल के एक मीडियाकर्मी अपनी कार से हरिद्वार की तरफ आ रहे थे। पीछे से अपनी बाइक से स्टंट करते हुए आ रहे तीन बाइक सवारों में से एक नए उनकी कार में टक्कर मार दी। मीडियाकर्मी द्वारा कार रोककर युवकों से इस बारे में बात किये जाने पर सभी युवक मीडियाकर्मी से बदतमीजी करने लगे एवं अपनी बाइक उठाकर वहाँ से भागने लगे। मीडियाकर्मी ने अविलम्ब अपने फोन से 112 डायल कर घटना की जानकारी पुलिस टीम को दी एवं स्वयं भी कार से ही उन युवकों का पीछा करना प्रारम्भ कर दिया। सूचना मिलते ही हरकत में आई पुलिस टीम ने घेराबन्दी करते हुए तीनो युवकों को चंडीघाट पर धर दबोचा। मौके पर किसी भी चाक के पास बाइक के वैध कागजात व ड्राइविंग लाइसेन्स न होने पर पुलिस टीम के द्वारा उन युवकों के वाहन सीज करने के साथ साथ आवश्यक कार्यवाही को अंजाम दिया गया। इस पूरी कार्यवाही में हेड कांस्टेबल अनिल कुमार सहित पूरी पुलिस टीम की तत्तपरता काबिले तारीफ़ रही है।