समाजवादी पार्टी ने रमेश बिंद को मिर्जापुर से टिकट दिया है. सपा ने पहले राजेंद्र बिंद को टिकट दिया था, लेकिन अब प्रत्याशी बदल दिया है. रमेश बिंद का मुकाबला एनडीए की सहयोगी अपना दल की अनुप्रिया पटेल से होगा. इसके अलावा सपा ने सोनभद्र की रॉबर्ट्सगंज सीट से छोटेलाल खारवाल को टिकट दिया है.
समाजवादी पार्टी ने भदोही से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की टिकट पर जीतने वाले सांसद रमेश बिंद को मिर्जापुर से टिकट दिया है. रमेश बिंद का टिकट इस बार बीजेपी ने काट दिया था, जिसके बाद से लगातार कयास लगाए जा रहे थे कि वे सपा में शामिल होंगे. अभी हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए संकेत दिए थे कि वह सपा ज्वाइन करने जा रहे हैं क्योंकि उन्होंने फेसबुक पर अपनी प्रोफाइल में साइकिल का डीपी लगाया.
सपा ने पहले राजेंद्र बिंद को टिकट दिया था, लेकिन रमेश बिंद के बीजेपी छोड़ सपा में आने के बाद अब सपा ने रमेश बिंद को अपना उम्मीदवार बना दिया है. अब रमेश बिंद का मुकाबला एनडीए की सहयोगी अपना दल की अनुप्रिया पटेल से होगा. माना जा रहा है कि रमेश बिंद के चुनावी अखाड़े में उतारे जाने से लड़ाई दिलचस्प हो गई है. इसके अलावा सपा ने सोनभद्र की रॉबर्ट्सगंज सीट से छोटेलाल खारवाल को टिकट दिया है.
मिर्जापुर लोकसभा सीट पर एनडीए गठबंधन की पकड़ मजबूत मानी जाती है. पिछले लोकसभा चुनाव में यहां अनुप्रिया पटेल को 32 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे और सपा के खाते में करीब साढ़े 17 फीसद वोट गए थे. अगर वोटों के नंबर की बात करें तो अपना दल को 5 लाख 91 हजार 564 वोट मिले थे, जबकि सपा की झोली में 3 लाख 59 हजार 556 वोट गए थे. अनुप्रिया पटेल ने सपा प्रत्याशी रामचरित्र निषाद को 2 लाख 32 हजार 9 वोटों के एक बड़े अंतर से हराया था.
मिर्जापुर सीट से दो बार जीत चुकीं अनुप्रिया पटेल
मिर्जापुर लोकसभा सीट एक चर्चित सीट रही है, जहां से समाजवादी पार्टी फूलन देवी को टिकट दे चुकी है और वह चुनाव जीतकर संसद की दहलीज तक पहुंची हैं. समाजवादी ने फूलन देवी को 1996 में टिकट दिया था. इसके बाद फूलन 1999 का भी चुनाव सपा की टिकट से ही जीती थीं. बीजेपी ने पहली बार इस सीट पर 1991 में जीत हासिल की थी. इसके बाद 1998 में जीती. यहां एक बार बहुजन समाज पार्टी भी जीत हासिल कर चुकी है. अनुप्रिया पटेल इस सीट से 2014 से सांसद हैं.