राजनीति- ईडी जांच में फंसी बहु भाजपा में शामिल, ससुर के खिलाफ हो सकता है एक्शन

राजनीति- ईडी जांच में फंसी बहु भाजपा में शामिल, ससुर के खिलाफ हो सकता है एक्शन

कांग्रेस की विधानसभा प्रत्याशी रहीं व हरक सिंह की पुत्रवधु अनुकृति भाजपा में शामिल

कांग्रेस हाईकमान पार्टी नेता हरक सिंह के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने के मूड में

जिला पंचायत अध्यक्ष रेनू गंगवार भी भाजपा में शामिल

अविकल थपलियाल

देहरादून। सभी कुछ पूर्व में व्यक्त की गई संभावना के आधार पर ही हो रहा है। रविवार को पूर्व मंत्री हरक सिंह की पुत्रवधु अनुकृति गुसाईं भाजपा में शामिल हो गईं। यूएसनगर की जिला पंचायत अध्यक्ष रेनू गंगवार व सुरेश गंगवार भी भाजपा इन शामिल हो गए। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई।

गौरतलब है कि बीते कुछ समय से पाखरो टाइगर सफारी समेत अन्य मामलों को लेकर ईडी ने पूर्व मंत्री हरक सिंह,पत्नी दीप्ति रावत ,पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा व अनुकृति गुसाईं से पूछताछ कर चुकी है। 2022 के विधानसभा चुनाव में अनुकृति लैंसडौन विधानसभा में भाजपा के दिलीप रावत से चुनाव हार चुकी है।

ईडी के बढ़ते शिकंजे के बाद बीते मार्च/अप्रैल महीने में लक्ष्मो राणा और अनुकृति ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से ईडी ने अभी तक हरक व अन्य से पूछताछ नहीं की। इसके बाद मतदान से दो/तीन दिन पहले लक्ष्मी राणा व अनुकृति गुसाईं ने भाजपा प्रत्यशियों को जिताने की अपील कर दी।

इसके बाद से यह तय हो गया था कि अनुकृति व लक्ष्मी मतदान के बाद भाजपा में शामिल हो जाएंगी। अनुकृति आज शामिल हो गयी जबकि लक्ष्मी के भी जल्द शामिल होने की संभावना है। ईडी जांच के दौरान हरक सिंह के आवास से तीन लाख कैश व लॉकर से 45 लाख के जेवरात मिले थे।

इधर, हरक सिंह ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में प्रचार नहीं किया। भाजपा हाईकमान की हरी झंडी के बाद उनका भी भाजपा में जाने का रास्ता खुल जायेगा।

गौरतलब है कि पूर्व वन मंत्री हरक सिंह से जुड़े मामले की सीबीआई जांच भी हो रही है। सुप्रीम कोर्ट भी कार्बेट पार्क इन टाइगर सफारी को लेकर काटे पेड़ों को लेकर सख्त रुख अपना चुका है।

लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने हरक सिंह को उड़ीसा में पार्टी पर्यवेक्षक की अहम जिम्मेदारी दी थी।

बहरहाल, अनुकृति के विधिवत भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस हाईकमान पूर्व हरक सिंह के खिलाफ कोई बड़ा कदम ले सकती है।

हाल ही में कांग्रेस ने श्रीनगर नगर पालिका अध्यक्ष पूनम तिवारी को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। मतदान से कुछ दिन पहले पूनम तिवारी के पति ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।

इन सभी समीकरणों को देखते हुए हरक सिंह के खिलाफ भी कांग्रेस कोई कड़ा एक्शन ले सकती है। हरक सिंह ने 2016 में हरीश सरकार से बगावत करते हुए भाजपा जॉइन कर ली थी। लेकिन भाजपा से निष्कासित होने के बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में शामिल होकर बहु अनुकृति गुसाईं को विधानसभा का चुनाव लड़वाया था।

हालांकि, हरक सिंह ने अभी इस मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा। लेकिन यह साफ संकेत मिल रहे हैं कि वे भी फिर से भाजपा में शामिल होंगे। पहले चरण के मतदान के बाद बहु अनुकृति तो भाजपा में शामिल हो गयी। हरक सिंह को मतदान के कुछ और चरणों के बाद भाजपा में एंट्री मिलने की उम्मीद है।

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