लालकुआँ विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत तराई पूर्वी वन प्रभाग में वेखौफ़

लालकुआँ विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत तराई पूर्वी वन प्रभाग में वेखौफ़

लालकुआँ विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत तराई पूर्वी वन प्रभाग में वेखौफ़ वन तस्कर जंगलों की बेशकीमती लकड़ी को काटकर खुलेआम तस्करी कर रहे हैं। इस तस्करी के पीछे वन विभाग की कर्मचारियों की सीधी मिली भगत है।जिसका नतीजा है कि तस्कर जंगल के अंदर प्लॉट सफाई के नाम पर जंगल के बेशक़ीमती लड़कियों की तस्करी कर रहे हैं। ताजा मामला तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी रेंज की रंनसाली रेंज का है जहां वेखौफ वन तस्करों ने खेर, सगौन, शीशम के बेशकीमती पेड़ काट डाले। मामले का खुलासा स्थानीय गुर्जरों द्वारा किया गया।वही लकड़ी तस्करी की शिकायत करने वाले स्थानीय गुर्जरों को भी अब वन विभाग के कर्मचारी और तस्कर धमकी दे रहे हैं। जिन्होंने बेशक़ीमती लकड़ी तस्करी के खेल का खुलासा किया है।बताते चले कि तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी की रनसाली रेंज के जंगलों से लड़कियों की तस्करी काफी दिनों से चल रही है।वन तस्कर जमकर बेशकीमती पेड़ काट रहे है यहाँ खेल वन विभाग की मिलीभगत से खेला जा रहा है।वही जगंल में हो रही अवैध लकड़ी की तस्करी की शिकायत जगंल में रहने गुर्जर समुदाय के लोग ने विभागीय कर्मचारियों को दी। लेकिन उल्टा कर्मचारियों ने गुर्जर समुदाय के लोगों को ही झूठे मुकदमे में फंसने की धमकी देने लगे।जिसके बाद वन गुर्जरों ने इसकी शिकायत विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ उच्च अधिकारियों को लिखित पत्र देकर की लेकिन उनके द्वारा तस्करों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जिसपर वन गुर्जरों ने क्षेत्रीय विधायक को भी पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की।मामला मीडिया में पहुचा तो पता चला की तस्कर भारी मात्रा में बेशकीमती खेर के पेड़ को काटकर इकट्ठा कर छोटे-छोटे टुकड़े बनाकर इकट्ठा किए हुए थे।इधर स्थानीय गुर्जरों का कहना है कि पिछले काफी दिनों से वन विभाग के कर्मचारियों के साथ मिली भगत कर तस्कर लड़कियों को काट रहे हैं जहां वन विभाग आंख बंद किया हुआ है और कर्मचारी मिली भगत कर उनके साथ दे रहे हैं गुर्जरों का कहना है कि वन संपदा को संरक्षित करना उनका मौलिक अधिकार है जहां उन्होंने लकड़ी तस्करी का विरोध किया तो उल्टा वन विभाग के कर्मचारी ही तस्करों का साथ मिलकर झूठे मुकदमे में फंसने की धमकी दे रहे हैं।

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