राजधानी देहरादून के रायपुर डोभाल चौक पर हुए गोलीकांड को लेकर आज सड़कों पर लोगों का आक्रोश दिखा। आरोपियों के घर बुलडोजर चलाने की मांग को लेकर लोग अड़े हैं। वहीं रिस्पना छह नंबर पर पुलिया चौक पर लोगों ने जाम लगा दिया।
एक तरफ लोगों का प्रदर्शन जारी था तो वहीं दूसरी तरफ गोलीकांड के मुख्य अभियुक्त रामबीर को हल्की मुठभेड़ के बाद 400 किलोमीटर दूर तलवार गांव थाना बेहरोल सदर जिला कोटपुतली राजस्थान से हिरासत में लिया गया। एसएसपी देहरादून लगातार सभी टीम की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। फरार अभियुक्तों की धरपकड़ के लिए विभिन्न राज्य में देहरादून पुलिस की स्पेशल टीमें लगातार दबिश रही है।
रायपुर का डोभाल चौक रविवार रात गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा था। गिरवी रखी कार को वापस लेने गए तीन लोगों को रिहायशी इलाके में बदमाशों ने गोली मार दी। इसमें एक व्यक्ति गोली लगने के बाद भागा और कुछ दूरी पर नाले में जा गिरा। रातभर पुलिस और परिजनों ने तलाश की। सात घंटे बाद सोमवार सुबह छह बजे उसका शव नाले से बरामद हुआ। इससे पहले दो घायलों को रात में ही अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था।
सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले दो पेशेवर बदमाश बीच शहर से होते हुए आशारोड़ी बैरियर तोड़कर भाग निकले। पुलिस ने घटना में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उधर, शव मिलने के बाद स्थानीय निवासियों ने आरोपियों के घर पर पथराव भी किया। स्थानीय विधायक के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ और पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।एसएसपी अजय सिंह ने बताया, डोभाल चौक के पास गढ़वाली कॉलोनी में रहने वाला देवेंद्र कुमार उर्फ सोनू भारद्वाज ब्याज का काम करता है। वह लोगों की चल और अचल संपत्तियों को गिरवी रख ब्याज पर पैसे देता है। नेहरू ग्राम निवासी दीपक बडोला ने 15 जून को अपनी कार पुरानी कार का कारोबार करने वाले सागर यादव को बेचने के लिए दी थी। लेकिन, अगले दिन रविवार को दीपक बडोला को पता चला कि सागर ने कार बेचने के बजाय उसे सोनू भारद्वाज के पास साढ़े तीन लाख रुपये में गिरवी रख दी।दीपक बडोला ने सागर यादव से अपनी कार मांगी तो उसने गालियां देकर बडोला को भगा दिया। इस पर बडोला ने सोनू भारद्वाज से कार वापस मांगी। वहां भी बडोला के साथ यही सलूक हुआ। इसके बाद बडोला रविवार रात करीब साढ़े 10 बजे दो दोस्तों सुभाष क्षेत्री और मनोज नेगी को लेकर सोनू भारद्वाज के घर पहुंच गए। सोनू भारद्वाज के घर पर पहले से ही उसका भाई मोनू भारद्वाज, पेशेवर बदमाश रामबीर, मनीष, अंकुश और योगेश आदि शराब पी रहे थे। जैसे ही दीपक बडोला और उनके साथी गेट पर पहुंचे इन सभी ने उन पर गोलियां चला ली।