दून रेलवे स्टेशन बवाल…व्यापारियों के गुस्से को भांपने में चूका पुलिस का तंत्र, चार घंटे घंटाघर जाम

दून रेलवे स्टेशन बवाल…व्यापारियों के गुस्से को भांपने में चूका पुलिस का तंत्र, चार घंटे घंटाघर जाम

रेलवे स्टेशन के बाहर हुए बवाल के बाद पुलिस ने शुक्रवार सुबह हिंदूवादी नेता विकास वर्मा को गिरफ्तार कर लिया। सरेबाजार हुई वर्मा की गिरफ्तारी से व्यापारी इस कद्र खफा हो गए कि उन्होंने घंटाघर के आसपास सभी बाजार बंद करा दिए और कोतवाली के बाहर हंगामा शुरू कर दिया। कुछ देर बाद हिंदूवादी संगठनों के नेता और व्यापारी घंटाघर के पास धरने पर बैठ गए। चारों ओर के रास्ते बंद कर वहां करीब चार घंटे तक जाम लगाया। घंटाघर पर हुए बवाल से पहले पुलिस का तंत्र व्यापारियों के गुस्से को भांपने में विफल हो गया।

इसका अंदाजा ही नहीं था कि व्यापारी इतने उग्र होकर घंटाघर पर भी बैठ जाएंगे। बाजार से लेकर घंटाघर तक फोर्स तैनात थी। लेकिन, असल में धरने और प्रदर्शन की क्या योजना है इसका भी आकलन नहीं हो पाया। यही कारण था कि कुछ ही क्षणों में घंटाघर पर हजारों की संख्या में लोग जमा हो गए। पुलिस के ही साजो सामान को उन्होंने सड़क जाम करने में इस्तेमाल शुरू कर दिया।दरअसल, रोष शुरू हुआ घंटाघर और इसके आसपास के बाजारों में। प्रदर्शन करने के लिए व्यापारी पहुंचे भी कोतवाली शहर के बाहर। यहां कुछ दर्जन लोग नारे लगा रहे थे। कोतवाली के गेट पर अच्छी खासी संख्या में पुलिस फोर्स भी तैनात थी। लेकिन, प्रदर्शनकारियों की असल योजना तो कुछ और थी। पुलिस को भनक लगी तो फोर्स घंटाघर पर भी पहुंच गई। मगर अंदाजा यह नहीं था कि यहां इतनी संख्या में लोग यहां जमा हो जाएंगे।बाजार के बाहर बैरिकेडिंग लगे थे लेकिन इन्हें पार करते हुए घंटाघर के पास जमा होना शुरू हो गए। अब भी स्थिति नियंत्रण में थी। सिर्फ नारे ही लग रहे थे और लोग चकराता रोड के मुहाने पर ही जमा थे। दूसरी ओर का ट्रैफिक अभी चल रहा था। मगर, कुछ ही देर में हुआ ये कि लोगों ने पुलिस के ही बैरिकेडिंग उठाए और उन्हें सड़कों के मुहाने पर लगाकर ट्रैफिक जाम कर दिया।अब पुलिस के अफसर भी वहां पहुंचना शुरू हो गए। लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन लोग उग्र हो गए। स्थिति उस वक्त नियंत्रण से बाहर हुई जब एकाध पुलिसकर्मियों ने ही उन्हें वहां से हटने को कहा। लोगों ने नारेबाजी तेज कर दी।लगभग 15 मिनट में ही पूरा घंटाघर क्षेत्र जाम हो गया। चारों ओर कई किलोमीटर तक वाहनों की कतारें लग गईं। पुलिस यातायात संभालने में जुटी तो उधर लोगों की भीड़ भी बढ़ गई। पुलिस ने अनाउंसमेंट भी किया लेकिन लोग नहीं माने। इस तरह एक ही घंटे में स्थिति इतनी दूभर हो गई कि वहां तैनात पुलिस के हाथ से कभी भी बात निकल सकती थी। यही कारण था कि इस मामले को बेहद शांतिपूर्वक ढंग से हल किया गया।घंटाघर पर जाम होने के कारण वहां पर सभी रास्ते एक तरह से ब्लॉक हो गए थे। प्रदर्शन इतना बड़ा होगा तो पहले से वहां कोई तैयारी नहीं थी। ऐसे में हुआ ये कि रास्ते जाम होने से पुलिस की बैक-अप फोर्स भी देरी से पहुंची। जब वहां वाटर कैनन पहुंची तो लोगों ने इसका भी विरोध शुरू कर दिया। वहां से कुछ औपचारिक गिरफ्तारियां भी हो सकती थीं तो वहां पुलिस के वाहन भी देरी से ही पहुंचे।

Dehradun Railway station ruckus Businessman Crowd at Ghantaghar jammed Police failed control them
All Recent Posts dehradun Latest News उत्तराखण्ड राजनीति