फर्रुखाबाद में पेड़ पर दुपट्टे के फंदे पर लटके मिले दो सहेलियों के शव के मामले में शुक्रवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया। पुलिस का दावा है कि प्रेम संबंध बरकरार रखने के दबाव में दोनों सहेलियों ने आत्महत्या की है। सहेलियों को आत्महत्या के लिए उकसाने में पुलिस ने दोनों प्रेमी युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पांच माह से सहेलियों का दोनों युवकों से प्रेम प्रसंग चल रहा था। परिजनों इसका विरोध कर रहे थे।
दरअसल, कायमगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी अनुसूचित जाति की युवती (18) व उसकी सहेली किशोरी (17) एक साथ 26 अगस्त की रात जन्माष्टमी को गांव के मंदिर में जागरण का कार्यक्रम देखने के लिए गई थीं। वहां से वह बुआ के घर जाने की बात कहकर निकल आईं। देर रात तक वह घर नहीं पहुंचीं।
खोजबीन करने पर व्यापारी नेता के बाग में 27 अगस्त की सुबह दोनों सहेलियों के शव दुपट्टे के फंदे से पेड़ पर लटके मिले थे। एक सहेली के पिता ने हत्या का आरोप लगाया था। पैनल से हुए पोस्टमार्टम में दोनों सहेलियों की मौत फंदा लगने से दम घुटने के कारण होना बताई गई थी। दुष्कर्म की पुष्टि के लिए दोनों की स्लाइड बनाकर सुरक्षित की गई थी।
एसपी आलोक प्रियदर्शी ने जारी प्रेस नोट में बताया कि गुरुवार रात पुलिस ने युवती के पिता की तहरीर पर गांव के पवन व कंपिल थाना क्षेत्र के गांव भैसार धर्मपुर निवासी दीपक के खिलाफ दोनों सहेलियों को आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया था। दोनों युवक कपड़े सिलाई का काम करते हैं। पांच माह से दोनों के प्रेम संबंध थे, जिसका परिजन विरोध कर रहे थे।जन्माष्टमी वाले दिन परिजनों के साथ पुत्री व उसकी सहेली मंदिर में कार्यक्रम देखने गई थीं। परिजन रात को एक बजे घर आ गए, लेकिन पुत्री व सहेली घर नहीं आईं। खोजबीन करने पर रात में उनका पता नहीं चला। सुबह दोनों के शव दुपट्टे से फंदे पर लटके मिले थे।
पुलिस को मौके से एक मोबाइल और एक सहेली के कपड़ों से सिम बरामद मिला था। जांच में पता चला कि यह सिम दीपक के नाम पर है। दीपक और उसका साथी पवन दोनों से बात करते थे। पुलिस ने दोनों युवकों को पकड़ा तो मामले की परतें खुलने लगीं।
युवती के पिता की तहरीर पर पुलिस ने दोनों युवकों पर पुत्री और उसकी सहेली को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने शुक्रवार को पवन व दीपक को कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।दीपक की सिलाई की दुकान पर पवन भी काम करता है। दोनों सहेलियां उन्हीं की दुकान में सलवार सूट सिलवाने के लिए पहुंचीं थीं। पुलिस की मानें तो 24 अप्रैल से ही दोनों सहेलियों की पहली बार युवकों से फोन पर बातचीत हुई थी। इसके बाद से बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ।
15 मई को दीपक ने अपने नाम से सिम खरीदकर युवती को दिया था। दोनों सहेली चाचा व अन्य परिजनों का मोबाइल मांगकर दीपक के दिए हुए सिम को डालकर बात करती थीं। बात करने के बाद वह मोबाइल से डाटा डिलीट कर देतीं थीं।
कुछ समय पहले सहेलियों के परिजनों को इसकी जानकारी हो गई। ऐसे में दोनों सहेली पवन व दीपक से दूरी बनाने की बात कह रही थीं। पवन व दीपक उनसे मिलने व बात करने का दबाव बना रहे थे। जन्माष्टमी की रात को भी पवन व दीपक ने मोबाइल पर बात कर मिलने का दबाव बनाया था। इससे परेशान होकर दोनों सहेलियों ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
सांसद, विधायक के सामने पिता ने सीबीआई जांच की मांग की
दो सहेलियों की मौत के बाद राजनीति जोर-शोर से शुरू हो गई। भाजपा सांसद और विधायक भी पीड़ितों से मिलने पहुंचे। युवती के पिता ने कहा कि वह पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं। बेटियां आत्महत्या नहीं कर सकतीं हैं। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की।
शुक्रवार को भाजपा जिलाध्यक्ष रूपेश गुप्ता, सांसद मुकेश राजपूत, जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका यादव, विधायक डॉ. सुरभि, भोजपुर विधायक नागेंद्र राठौर, पूर्व विधायक अमर सिंह खटिक, डॉ. वीके गंगवार, अमरदीप दीक्षित, श्रीकृष्ण गौतम, विजय गुप्ता, राहुल राजपूत पीड़ित के घर पहुंचे।
एक पंडाल में बैठकर दोनों लड़कियों के पिता से बातचीत की। एक के पिता ने सीधे हत्या का आरोप लगाया। दूसरे ने पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट होना बताया, लेकिन कहा कि वे पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना था कि लड़कियां आत्महत्या नहीं कर सकती हैं। रिपोर्ट में फंदा लगाकर जान देने की रिपोर्ट उनके गले नहीं उतर रही है। उन्होंने मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग की