भारत ने सोमवार को फलस्तीन शरणार्थियों के लिए चलने वाले राहत और सेवा कार्यों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को 25 लाख डॉलर जारी किए थे। यह हर साल जारी किए जाने वाले 50 लाख अमेरिकी डॉलर की पहली किस्त थी। भारत की ओर से गाजा पट्टी के शिविरों में रह रहे फलस्तीन शरणार्थियों की मदद के लिए उठाए गए कदम की सराहना हो रही है। फलस्तीन शरणार्थियों के लिए काम कर रही संस्था यूएनआरडब्ल्यूए ने कहा कि राजनीतिक और वित्तीय चुनौतियों के बीच हमें भारत का लगातार समर्थन मिल रहा है। भारत ने सोमवार को फलस्तीन शरणार्थियों के लिए चलने वाले राहत और सेवा कार्यों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को 25 लाख डॉलर जारी किए थे। यह हर साल जारी किए जाने वाले 50 लाख अमेरिकी डॉलर की पहली किस्त थी।यूएनआरडब्ल्यूए की प्रवक्ता तमारा अलरिफाई ने कहा कि संस्था इस मदद के लिए बहुत आभारी है। इससे गाजा पट्टी में चल रहे युद्ध में फंसे फलस्तीन शरणार्थियों की सेवा जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, राहत और सामाजिक विकास के काम किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक और वित्तीय चुनौतियों के बीच भारत का लगातार मिलता समर्थन यूएनआरडब्ल्यूए के लिए गर्व की बात है।
गाजा में चल रहे युद्ध ने तटीय क्षेत्र में बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। इसके चलते 23 लाख से अधिक लोग इधर से उधर हो गए हैं। वे लोग भोजन और स्वास्थ्य सेवाओं के बिना जिंदगी गुजार रहे हैं। वहीं भारत ने इस टकराव के बीच फलीस्तीन लोगों के लिए अल एरिश एयरपोर्ट के जरिये मानवीय सहायता पहुंचाई है। रामल्लाह वेस्ट बैंक में भारत के प्रतिनिधि ने कहा कि भारत वित्तीय वर्ष 2023-24 में फलीस्तीन शरणार्थियों और उनके कल्याण के लिए 35 लाख डॉलर की सहायता देगा।
हाल ही में न्यूयॉर्क में हुई यूएनआरडब्ल्यूए की एक बैठक में भारत की ओर घोषणा की गई थी कि वह संस्था की मांग पर दवाएं भी उपलब्ध कराएगा। साथ ही फलस्तीन लोगों की समय पर सुरक्षित मानवीय सहायता का अपना वचन भी दोहराया था। यूएनआरडब्ल्यूए जिसे वर्ष 1950 से संयुक्त राष्ट्र देशों की ओर से मदद दी जा रही है। यह संस्था इजराइल-हमास के बीच 2007 से गाजा पट्टी पर शांति बनाए रखने के लिए काम कर रही है।