देहरादून के खुड़बुड़ा मोहल्ला स्थित एक प्लॉट में बनी झुग्गियों में भीषण आग लग गई। आग से वहां बनी करीब 30 झुग्गियां जलकर राख हो गईं। इससे वहां पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इस बीच आठ एलपीजी सिलिंडर भी फटे जबकि सात सिलिंडरों को फायर ब्रिगेड ने बाहर निकाल लिया। गनीमत रही कि आग से कोई जान का नुकसान नहीं हुआ।
फायर ब्रिगेड ने करीब एक घंटे में चार फायर टेंडरों की मदद से आग बुझाई। बताया जा रहा है कि एक झुग्गी में कुछ लोग तार जलाकर तांबा निकाल रहे थे इसी बीच झुग्गी में पड़े कबाड़ ने आग पकड़ ली। फायर ब्रिगेड अग्निकांड के कारणों की जांच के साथ यहां हुए नुकसान का आंकलन कर रहा है।
घटना खुड़बुड़ा मोहल्ला में गोविंदगढ़ स्थित बिंदाल पुल के पास की है। यहां पर घनी बस्ती के बीच एक करीब 300 गज का प्लॉट है। इस प्लॉट में करीब 30 झुग्गियों में 15 परिवार रहते हैं। ये सभी परिवार आसपास में कूड़ा बीनने का काम करते हैं। सुबह करीब साढ़े 10 बजे एक झुग्गी में कुछ लोग तार जलाकर उससे तांबा निकाल रहे थे। इसी बीच झुग्गी में पड़े कबाड़ ने आग पकड़ ली।देखते ही देखते आग ने झुग्गी को पूरी तरह चपेट में ले लिया। इससे यहां रह रहे परिवारों में अफरा-तफरी मच गई और एक-एक कर सभी लोग वहां से बाहर निकल गए। शोर सुनकर आसपास के लोगों ने छतों से पानी फेंककर आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन देखते ही देखते आग एक से दूसरी और दूसरी से तीसरी सभी झुग्गियों में फैल गई।
करीब 10.40 बजे फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियां मौके पर पहुंची और पानी की बौछार कर आग पर काबू पाने का प्रयास किया। इस बीच एक झुग्गी में सिलिंडर फटा तो इसकी आवाज से आसपास के लोगों ने शोर मचा दिया। एक के बाद एक छोटे-बड़े आठ धमाकों से इलाका दहल उठा।
हिम्मत कर फायर ब्रिगेड कर्मचारियों ने वहां से बाकी बचे सात सिलिंडरों को बाहर निकाला और नदी में फेंक दिया। फायर ब्रिगेड की टीम को आग बुझाने में करीब एक घंटे का समय लगा। इस एक घंटे में सभी 30 झुग्गियां पूरी तरह जलकर राख हो गई।
पुल से आगे रास्ता इतना संकरा था कि वहां पर केवल फायर ब्रिगेड की गाड़ी ही खड़ी हो सकती थी। इस गाड़ी के एक हौज पाईप से एक छत के रास्ते पानी की बौछार की गई। लेकिन, आग इतनी विकराल हो चुकी थी कि एक गाड़ी के भरोसे आग पर काबू पाना मुश्किल था।
इससे भी ज्यादा मुश्किल था वहां पर फायर ब्रिगेड की दूसरी गाड़ी का खड़ा होना। इस पर एक गाड़ी को पुल पर खड़ा किया गया और करीब 100 मीटर लंबा हौज पाइप पड़ोसियों की छत के रास्ते पहुंचाया गया।
ऊपर से ही फायर ब्रिगेड कर्मचारियों ने पानी की बौछार की और कुछ हद तक आग पर काबू पाया। यही नहीं एक गाड़ी मोहल्ले के दूसरे रास्ते भी पहुंचाई गई। इस गाड़ी से तीसरी तरफ हौज पाईप फैलाकर पानी की बौछार की गई। करीब एक घंटे बाद पूरी तरह आग पर काबू पा लिया गया।
यहां ज्यादातर परिवारों के पास खाना बनाने के लिए छोटे पैट्रोमैक्स सिलिंडर ही थे। इन सिलिंडर में शुरुआत में ही आग लग गई। सिलिंडर में एक के बाद एक धमाके हुए तो पूरा इलाका दहशत में आ गया। गनीमत रही कि जिन परिवारों के पास बड़े सिलिंडर थे उनमें आग नहीं लगी।
विशेषज्ञों की मानें तो बड़े सिलिंडर कम आंच पर नहीं फटते हैं। जबकि, छोटे बारीक स्टील चादर वाले सिलिंडर ज्यादा ताप नहीं झेल सकते। यही कारण था कि जैसे ही छोटे सिलिंडर फटे तो फायर ब्रिगेड की टीम ने बड़े सिलिंडरों को वहां से एक-एक कर बाहर निकाल लिया।
ये परिवार हुए प्रभावित
1. आशा देवी पत्नी संजय साहनी और तीन बच्चे
2. लक्ष्मी साहनी पत्नी श्री नरेश साहनी और चार बच्चे
3. राजो देवी पत्नी स्व. फौदार साहनी और चार बच्चे
4. पूजा देवी पत्नी विजय साहनी और चार बच्चे
5. सीताराम साहनी पुत्र किशन साहनी (तालाबन्द)
6. संतोष साहनी पुत्र बृजकिशोर साहनी और छह बच्चे
7. शोभा देवी पत्नी मनोज साहनी और दो बच्चे
8. ललिता देवी पत्नी रामबली साहनी मय पांच बच्चे
9. पुनीता देवी पत्नी विजय साहनी और चार बच्चे
10. लाला साहनी पुत्र स्व. सुलेन्द्र साहनी और चार बच्चे
11. पूनम देवी पत्नी स्व. सुलेन्द्र साहनी और तीन बच्चे
12. रेखा देवी पत्नी विनोद साहनी (तालाबन्द)
13. बबीता देवी पत्नी सन्तोष साहनी और चार बच्चे
14. राजकुमारी देवी पत्नी राजू साहनी और तीन बच्चे
15. रवीन्द्र साहनी पुत्र भोला साहनी और दो बच्चे।