दीपेंद्र कंडारी 17वीं बटालियन गढ़वाल राइफल में तैनात थे। जम्मू कश्मीर के तंगधार क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान वे बलिदान हो गए थे।सेना में तैनात उत्तराखंड के चमोली जिले के करछूना गांव निवासी हवलदार दीपेंद्र कंडारी जम्मू कश्मीर में ड्यूटी के दौरान बलिदान हो गए। जवान के बलिदान होने की सूचना से पूरे क्षेत्र में शोक छा गया। आज सुबह देहरादून के नया गांव स्थित श्मशान घाट पर जवान का अंतिम संस्कार किया गया।चमोली जिले के पोखरी तहसील के अंतर्गत करछूना गांव निवासी दीपेंद्र कंडारी 17वीं बटालियन गढ़वाल राइफल में तैनात थे। जम्मू कश्मीर के तंगधार क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान वे बलिदान हो गए। हालांकि दीपेंद्र के बलिदान होने का स्पष्ट कारण अभी पता नहीं चल पाया है।दीपेंद्र का परिवार वर्तमान में देहरादून के रतनपुर में रहता है। उनके पिता सुरेंद्र कंडारी सेना से सेवानिवृत्त हैं। बलिदानी दीपेंद्र तीन भाईयों में सबसे छोटे थे। वे अपने पीछे पत्नी व दो बच्चों को छोड़ गए हैं।