बाल आयोग ने शिकायतकर्ता अभिभावक के नाम पर 55 हजार रुपये का चेक एक सप्ताह के भीतर कार्यालय में जमा करवाने के लिए कहा है।कोरोना काल में निजी स्कूलों द्वारा वसूली गई अतिरिक्त फीस अभिभावकों को लौटाने का आदेश है। इसके बावजूद स्कूलों ने कई अभिभावकों को अतिरिक्त फीस आज तक नहीं लौटाई। ऐसे ही एक अभिभावक की शिकायत पर राज्य बाल अधिकार आयोग ने सेलाकुई स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल गाजियाबाद (डीपीएसजी) के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने स्कूल प्रधानाचार्य को आदेश दिया कि शिकायतकर्ता अभिभावक के नाम पर 55 हजार रुपये का चेक एक सप्ताह के भीतर आयोग के कार्यालय में जमा करवाएं। मामले की सुनवाई के दौरान आयोग के समक्ष शिकायतकर्ता अभिभावक नरेंद्र सिंह राणा, शिक्षा विभाग के अधिकारी और स्कूल प्रिंसिपल पेश हुए थे।अभिभावक नरेंद्र राणा के अनुसार, आयोग ने सबसे पहले 21 अप्रैल 2022 को आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि कोरोना काल में सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का प्रावधान है, किंतु स्कूल द्वारा अनावश्यक अन्य शुल्क भी लिए गए, जो नियमों के खिलाफ है। उनसे कोरोना काल में अतिरिक्त शुल्क के नाम पर वसूले गए 55 हजार रुपये लौटाने का आदेश दिया था, लेकिन स्कूल ने आदेश का पालन आज तक नहीं किया।
बाल आयोग ने 2022 में पुन: अतिरिक्त फीस लौटाने का आदेश दिया, लेकिन स्कूल प्रशासन ने टाल-मटोल की। शिकायतकर्ता के मुताबिक, उन्हें एक दफा स्कूल भी आने को कहा, लेकिन फिर फोन करके रास्ते से वापस लौटा दिया। 23 जुलाई 2024 को फिर सुनवाई हुई तो स्कूल प्रधानाचार्य मोहित मार्क ने पक्ष रखने के लिए और समय देने की मांग की। इस पर आयोग ने गहरी नाराजगी जताई।