इंडोनेशिया में अचानक आई बाढ़ ने मचाई तबाही, ठंडे लावा से 37 लोगों की मौत

इंडोनेशिया में अचानक आई बाढ़ ने मचाई तबाही, ठंडे लावा से 37 लोगों की मौत

मानसून की बारिश और माउंट मारापी पर ठंडे लावा के कारण बड़े भूस्खलन की घटना घटी है. इसने शनिवार की आधी रात से ठीक पहले एक नदी ने अपने किनारों को तोड़ दिया. इससे कई इलाके जलमग्न हो गए हैं

इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर भारी बारिश और ज्वालामुखी की ढलानों से ठंडे लावा और कीचड़ के बहने से तबाही आ गई है. इससे द्वीप पर अचानक बाढ़ आ गई. इससे कम से कम 37 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक अन्य लापता हो गए हैं. मानसून की बारिश और माउंट मारापी पर ठंडे लावा के कारण बड़े भूस्खलन की घटना घटी है. इसने शनिवार की आधी रात से ठीक पहले एक नदी ने अपने किनारों को तोड़ दिया. इसने पश्चिम सुमात्रा प्रांत के चार जिलों में पहाड़ी गांवों को तोड़ दिया.

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहरी ने कहा कि बाढ़ में लोग बह गए और 100 से अधिक घर और इमारतें जलमग्न हो गईं. बता दें कि ठंडा लावा को लहर के नाम से भी जाना जाता है. यह ज्वालामुखीय सामग्री और कंकड़ का मिश्रण होता है. बारिश में ज्वालामुखी की ढलानों से बहता है.

राष्ट्रीय खोज एवं बचाव एजेंसी द्वारा जारी बयान में कहा गया है क रविवार दोपहर तक बचावकर्मियों ने अगम जिले के सबसे अधिक प्रभावित कैंडुआंग गांव में 19 शव निकाले थे और पड़ोसी जिले तनाह दातार में नौ अन्य शव बरामद किए थे.

पूरी सड़क नदी में बदल गई

बयान में कहा गया है कि पदांग परियामन में आई घातक बाढ़ के दौरान कीचड़ से आठ शव निकाले गए और एक शव पदांग पंजांग शहर में मिला. इसमें कहा गया है कि बचावकर्मी 18 लोगों की तलाश कर रहे हैं, जो कथित तौर पर लापता हैं.

पदांग पंजांग पुलिस प्रमुख कार्तयाना पुत्र ने रविवार को कहा कि शनिवार रात अचानक आई बाढ़ के कारण तनाह दातार जिले में अनाई घाटी झरना क्षेत्र के आसपास की मुख्य सड़कें भी कीचड़ से अवरुद्ध हो गईं, जिससे अन्य शहरों तक पहुंच बंद हो गई. जारी वीडियो में सड़कें दिखाई दे रही हैं, जो गंदी भूरी नदियों में तब्दील हो गई हैं.

इसके पहले 21 लोगों की हुई थी मौत

यह आपदा ठीक दो महीने बाद आई जब भारी बारिश के कारण पश्चिमी सुमात्रा के पेसिसिर सेलाटन और पदंग परियामन जिलों में बाढ़ और भूस्खलन हुआ था. इसमें कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई थी और पांच अन्य लापता हो गए थे.

बता दें कि 2,885 मीटर (9,465 फुट) माउंट मरापी में पिछले साल के अंत में विस्फोट हुआ था, जिसमें 23 पर्वतारोहियों की मौत हो गई थी. इंडोनेशिया के ज्वालामुखी विज्ञान और भूवैज्ञानिक आपदा केंद्र के अनुसार, ज्वालामुखी 2011 के बाद से चार चेतावनी स्तरों में से तीसरे उच्चतम स्तर पर बना हुआ है. मारापी जनवरी 2023 में हुए विस्फोट के बाद से सक्रिय है. यह इंडोनेशिया में 120 से अधिक सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है.

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