सुबह छह बजे से रुद्रनाथ की भोग मूर्ति की विशेष पूजाएं शुरू हुई। पुजारी सुनील तिवारी ने रुद्रनाथ की अभिषेक पूजा के साथ ही पंच पूजाएं संपन्न की। इसके बाद भोग अर्पित किया गया।

भगवान गोपीनाथ के दर्शनों के साथ चतुर्थ केदार रुद्रनाथ की उत्सव डोली अपने भक्तों से विदा लेकर अपने मंदिर के लिए रवाना हो गई है। शुक्रवार को विभिन्न पड़ावों से होते हुए डोली रात्रि प्रवास के लिए पुंग बुग्याल पहुंची। शनिवार को डोली मंदिर में पहुंच जाएगी और 18 मई को प्रात: छह बजे रुद्रनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। डोली रवानगी के दौरान गोपीनाथ मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने जय रुद्रनाथ, जय गोपीनाथ के जयकारे लगाए। सैकड़ाें भक्तों ने रुद्रनाथ की डोली के दर्शन कर मनौतियां मांगी।शुक्रवार को सुबह छह बजे से रुद्रनाथ की भोग मूर्ति की विशेष पूजाएं शुरू हुई। पुजारी सुनील तिवारी ने रुद्रनाथ की अभिषेक पूजा के साथ ही पंच पूजाएं संपन्न की। इसके बाद भोग अर्पित किया गया। सुबह ठीक दस बजे रुद्रनाथ की डोली ने अपने मंदिर के लिए प्रस्थान किया। सबसे पहले डोली गोपीनाथ मंदिर के मंडप में पहुंची। यहां गोपीनाथ से आज्ञा लेने के बाद रुद्रनाथ की डोली पुंग बुग्याल के लिए रवाना हुई। शाम साढ़े पांच बजे डोली पुंग बुग्याल पहुंच गई है। डोली के साथ सैकड़ों भक्तगण भी रुद्रनाथ मंदिर के लिए निकले।संकल्प अभियान के संयोजक मनोज तिवारी ने बताया कि रुद्रनाथ मंदिर को गेंदे के फूलों से सजाया जा रहा है। मंदिर में हक-हकूकधारियों की ओर से निशुल्क भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा।

डोली के पुंग बुग्याल पहुंचते ही हुई बारिश
रुद्रनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को करीब 20 किलोमीटर की कठिन पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। मार्ग पर पुंग बुग्याल, ल्वींठी, पनार, पित्रधार और देवदर्शनी जैसे बुग्याल और दर्शनीय स्थल मौजूद हैं। बृहस्पतिवार को जैसे ही रुद्रनाथ की डोली पुंग बुग्याल पहुंची तो क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ बारिश शुरु हुई, जो देर शाम तक भी जारी रही। बारिश होने से क्षेत्र का मौसम ठंडक भरा हो गया है।