चारधाम यात्रा पर जा रहे करीब 500 वाहनों को प्रशासन ने जगह-जगह पर रोक दिया। इन वाहनों में 1500 से अधिक तीर्थयात्री सवार थे। प्रशासन का कहना है कि पर्वतीय जनपदों से धामों की स्थिति के बारे में सूचना ली जा रही है। स्थिति सामान्य होने पर वाहनों को छोड़ा जाएगा।
बृहस्पतिवार को प्रशासन ने ट्रांजिट कैंप, भद्रकाली, चंबा व छाम में यात्रा वाहनों को रोक दिया। भद्रकाली से कई वाहनों को वापस ऋषिकेश भेजा गया। जिन यात्रियों का पंजीकरण 17 मई के लिए धामों में दर्शन के लिए हुआ था, प्रशासन ने उन्हें भी नहीं जाने दिया। गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल भद्रकाली चेकपोस्ट पहुंचे।
गढ़वाल आयुक्त ने बताया, निर्णय लिया गया था कि जहां भी यात्रा के प्रवेश प्वाइंट है, वहां पर चेकिंग की जाएगी। जिनका पंजीकरण काफी बाद की तिथि का है उन्हें रोका जाएगा। उन्हें प्रतीक्षा करने को कहा जाएगा। धामों में स्थिति सुधरने पर वाहनों को छोड़ा जाएगा। बिना पंजीकरण के धामों के यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। कहा, यात्री पंजीकरण तिथि के एक दिन पूर्व ही यात्रा शुरू करने की अनुमति दी जाएगी।
धामों में व्यवस्था संभालने में असफल प्रशासन अब तीर्थयात्रियों को अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है। प्रशासन का कहना है कि ऑफलाइन पंजीकरण वाले तीर्थयात्रियों की वजह से धामों में बेतहाशा भीड़ बढ़ी है। ऑफलाइन पंजीकरण वाले तीर्थयात्री अपनी निर्धारित तिथि से कई दिन पहले धामों में पहुंच गए।प्रशासन ने गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा पर जा रहे तीर्थ यात्रियों को वापस ऋषिकेश भेजा। बाद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने कहा, यात्रा को लेकर कोई बंदिश नहीं। यात्रा सुचारू चल रही है, लेकिन धामों में बैकलॉग अधिक हो गया
गढ़वाल आयुक्त ने कहा, ऑनलाइन पंजीकरण पहले हो चुके थे। जब ऑफलाइन पंजीकरण खोले गए तो तिथियां काफी देर की मिल रही थीं, लेकिन यात्रियों ने पंजीकरण कराने के तुरंत बाद यात्रा शुरू कर दी, जिससे धामों में भीड़ बढ़ गई। आयुक्त ने बृहस्पतिवार शाम तक स्थितियां सामान्य होने की बात कही। कहा, जिन तीर्थयात्रियों ने निर्धारित तिथि से पहले यात्रा शुरू की है, ये उनका फाल्ट है। प्रशासन उनके रुकने की व्यवस्था क्यों करेगा। बावजूद इसके प्रशासन ने हर संभव मदद के लिए आश्वस्त किया है।भद्रकाली से वापस लौटाए जाने पर यात्री काफी आहत दिखे। गुजरात के तीर्थयात्री संजीव पटेल ने कहा, हमारी दर्शन की तिथि 17 मई है, लेकिन हमें भी रोक दिया गया है। हमारे साथ छोटे बच्चे और महिलाएं हैं। हम बस में आए हैं। छत्तीसगढ़ के उपेंद्र चंद्रवंशी ने बताया, उनकी यमुनोत्री धाम दर्शन के लिए 17 मई की तिथि है, लेकिन हमें भी रोक दिया गया है। तीर्थयात्रियों ने कहा, प्रशासन उन्हें जबरदस्ती यात्रा से रोक रहा है, जबकि हम नियमों का पालन कर रहे हैं। हमारी तिथि 17 मई की है और हमें 16 मई को ऋषिकेश में रोक दिया गया है।