सुरेश शर्मा अंकुर गैस एजेंसी के पास ऋषिकेश का रहने वाला है। उसका शासकीय अधिवक्ता बालकृष्ण भट्ट से विवाद चल रहा था। शर्मा ने 28 अप्रैल 1999 को चमोली में सरेआम शासकीय अधिवक्ता की चाकू से गोदकर हत्या कर दी।
वर्ष 1999 में चमोली में हुई शासकीय अधिवक्ता के हत्या के आरोपी ऋषिकेश के रहने वाले सुरेश शर्मा को एसटीएफ ने झारखंड से गिरफ्तार कर लिया। शर्मा को गिरफ्तारी के 40 दिन बाद ही जमानत मिल गई थी। लेकिन इसे कुछ दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। तब से शर्मा पुलिस को चकमा देते हुए लगातार फरार रहा और उस पर दो लाख रुपये का इनाम रखा गया। शर्मा उत्तराखंड का पहला इनामी अपराधी है। एसटीएफ की इस उपलब्धि पर डीजीपी ने इनाम की घोषणा की है।आईजी कानून व्यवस्था नीलेश आनंद भरने ने बताया कि सुरेश शर्मा अंकुर गैस एजेंसी के पास ऋषिकेश का रहने वाला है। वह वर्ष 1998 में वहां क्वालिटी नाम का रेस्टोरेंट चलाता था। इस रेस्टोरेंट को लेकर उसका शासकीय अधिवक्ता बालकृष्ण भट्ट से विवाद चल रहा था। कई बार दोनों के बीच कहासुनी भी हुई। बालकृष्ण भट्ट वर्ष 1999 में चमोली में तैनात थे। अपने इसी विवाद की खुन्नस निकलने के लिए सुरेश शर्मा 28 अप्रैल 1999 को चमोली गया था। इस दौरान वह भट्ट से मिला और सरेआम उनकी चाकू से गोदकर हत्या कर दी।उस वक्त बदरीनाथ इलाके में लोग खास नाराज रहे। पुलिस ने सुरेश शर्मा को गिरफ्तार कर लिया और न्यायालय के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया। लेकिन 40 दिन बाद ही उसे स्थानीय अदालत ने जमानत दे दी। इसे लेकर पुलिस ने भी ऊपरी अदालतों में अपील की और सुप्रीम कोर्ट ने उसकी जमानत खारिज कर दी। लेकिन, सुरेश शर्मा फिर कभी उत्तराखंड नहीं आया। पुलिस उसकी लगातार तलाश कर रही थी।
कई बार उसे पकड़ने का प्रयास हुआ लेकिन वह हाथ नहीं आ सका। अब एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने इंस्पेक्टर अबुल कलाम की टीम को लगाया। टीम उसकी तलाश में महाराष्ट्र, झारखंड और पश्चिम बंगाल तक गई। इस बीच उसके जमशेदपुर झारखंड में होने का पता चला। जब वह किसी काम से एक ऑफिस में गया तो टीम ने उसे 23 जनवरी को वहां से गिरफ्तार कर लिया। स्थानीय अदालत से ट्रांजिट रिमांड लेकर उसे उत्तराखंड लाया गया है।