EVM Row: भारत में 64 करोड़ से ज्यादा लोगों ने लोकसभा चुनाव में ईवीएम के जरिए मतदान किया। चुनाव परिणाम आने के करीब 10 दिन बाद फिर से ईवीएम को सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ईवीएम को ब्लैक बॉक्स बताया है। और कोई भी इसकी जांच नहीं कर सकता है।
हमारे देश में लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं और अब कई राज्यों विधानसभा और उपचुनाव की तैयारियां हो रही है। लेकिन एक बार फिर ईवीएम का जिन्न जाग उठा है। दरअसल विदेश में भी ईवीएम के जरिए चुनाव की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हुए हैं। इसे लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी देश में ईवीएम के जरिए हो रहे चुनाव पर तंज कसा है। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 240, कांग्रेस ने 99 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की है।राहुल गांधी ने कहा कि भारत में ईवीएम एक ‘ब्लैक बॉक्स’ की तरह है, जिसकी जांच करने की अनुमति किसी को भी नहीं है। कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि जब हमारे देश की चुनावी प्रक्रिया के पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। राहुल गांधी ने आगे कहा कि जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है।कांग्रेस नेता ने कुछ मीडिया रिपोर्टस को टैग किया, जिसमें ये दावा किया गया है कि मुंबई के उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से मात्र 48 वोटों से चुनाव जीतने वाले शिवसेना उम्मीदवार के एक रिश्तेदार के पास एक फोन था, जिससे ईवीएम अनलॉक हो जाता है। राहुल गांधी ने टेस्ला और सोशल मीडिया साइट X (पहले ट्विटर) के सीईओ एलन मस्क के उस पोस्ट को भी टैग किया, जिसमें एलन मस्क ने लिखा है कि हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए, क्योंकि इसे इंसान या एआई के जरिए हैक किए जाने की संभावना कम है, लेकिन फिर भी बहुत अधिक है।बता दें कि हमारे देश में तमाम विपक्षी दल पिछले कुछ समय से ईवीएम को लेकर चिंता जता रहे हैं, और उन्होंने वीवीपैट पर्चियों की 100 प्रतिशत गणना की मांग की थी, जिसकी अनुमति नहीं दी गई। वहीं हलिया में खत्म हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो देश में ईवीएम के जरिए हुए चुनाव में जहां 64 करोड़ से ज्यादा लोगों ने मतदान किया, इसमें 31 करोड़ से ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया है। इन आंकड़ों पर खुशी जताते हुए भारतीय चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा था कि भारत ने लोकसभा चुनाव में विश्व रिकॉर्ड बनाया है। यह आंकड़ा G7 देशों के मतदाताओं का 1.5 गुना और यूरोपीय संघ के 27 देशों के मतदाताओं का 2.5 गुना है।