रुद्रपुर शहर में तीन लकड़ी कारोबारियों के दफ्तर और घरों पर आयकर विभाग की कार्रवाई 60 घंटे बाद भी जारी है।
रुद्रपुर शहर में तीन लकड़ी कारोबारियों के दफ्तर और घरों पर आयकर विभाग की कार्रवाई 60 घंटे बाद भी जारी है। आयकर विभाग की टीम ने एलाइंस कॉलोनी में कारोबारी सौरभ गाबा के भाई की मौजूदगी में घर की सील खोल दी और सर्च अभियान शुरू कर दिया है। तीनों टीमें कार्रवाई में जुटी हुई और कार्रवाई के बारे में अधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।
बृहस्पतिवार की सुबह साढ़े दस बजे आयकर विभाग लखनऊ की टीमों की ओर से शुरू हुई कार्यवाही शनिवार को भी जारी रही। टीम ने फर्नीचर कारोबारी गुलशन नारंग के गल्ला मंडी स्थित नारंग फर्नीचर मार्ट, सिविल लाइंस स्थित आवास, उनके बेटे रोनिक नारंग और रोनिक के साझीदार सौरभ गावा के मॉडल कालोनी स्थित विनायक प्लाई कार्यालय व एलाइंस कालोनी स्थित सौरभ के आवास पर छापा मारा था। सौरभ के घर पर नहीं होने और वह बंद होने की वजह से कार्रवाई नहीं की जा सकी थी। टीमों ने गुलशन के साथ ही उनके घर पर मौजूद बेटे रोनिक और पारिवारिक सदस्यों से कारोबार के बारे में जानकारी ली थी।
विनायक प्लाई और विनायक ट्रांसपोर्ट के कारोबार, बैंक खातों, संपत्ति के साथ ही लेनदेन की भी जानकारी की थी। इधर शुक्रवार की दोपहर आयकर विभाग की टीम ने एलाइंस कॉलोनी स्थित सौरभ के घर को सील कर दिया था। इधर टीम का विकास नारंग से संपर्क नहीं हो सका था। शुक्रवार की शाम आयकर विभाग की टीम ने गल्ला मंडी स्थित नारंग फर्नीचर मार्ट में अभियान खत्म कर दिया और मार्ट मालिक गुलशन नारंग को छोड़ दिया। जिसके बाद गुलशन घर चले गए थे। इधर शनिवार की सुबह आयकर विभाग की टीम एलाइंस कॉलोनी स्थित सौरभ के आवास पर पहुंची। टीम ने सौरभ के भाई नितिन गाबा और परिजनों की मौजूदगी में आवास पर लगाई सील को खोल दिया। इसके बाद नितिन सहित परिवार के तीन सदस्यों को घर के अंदर ले जाकर सर्च अभियान शुरू कर दिया। इस दौरान आवास के गेट पर पुलिस फोर्स तैनात की गई है। इधर, छापामारी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं है, लेकिन अधिकारिक रूप से स्पष्ट नहीं हो सका है।
आयकर विभाग की तीन दिन से चल रही कार्रवाई किसी बड़ी गड़बड़ी की ओर संकेत दे रही है। सूत्रों के अनुसार यह कार्रवाई विनायक प्लाई और विनायक ट्रांसपोर्ट कंपनी के कारोबारी के यहां हो रही है। हाालंकि ट्रांसपोर्ट कंपनी के प्रमुख कर्ताधर्ता विकास नारंग से आयकर विभाग का संपर्क नहीं हो पाया है। विकास का नंबर छापामारी के बाद से ही बंद बताया जा रहा है।