भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया में पिंक बॉल टेस्ट की यादें अच्छी नहीं हैं क्योंकि वह दूसरी पारी में 36 रन पर ऑलआउट हो गई थी और उसे करारी हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का हालांकि कहना है कि पिंक बॉल मजबूत मानसिकता वाली भारतीय टीम के लिए चिंता की बात नहीं है।भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शुक्रवार से एडिलेड में पिंक बॉल से दूसरा टेस्ट मैच खेला जाना है। भारतीय टीम पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 से आगे चल रही है और उसकी कोशिश बढ़त मजबूत करने पर टिकी होगी। भारत के लिए राहत की बात यह है कि नियमित कप्तान रोहित शर्मा वापस लौट आए हैं और वह एक बार फिर टीम की कमान संभालने के लिए तैयार हैं। भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया में पिंक बॉल टेस्ट की यादें अच्छी नहीं हैं क्योंकि वह दूसरी पारी में 36 रन पर ऑलआउट हो गई थी और उसे करारी हार का सामना करना पड़ा था।
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का हालांकि कहना है कि पिंक बॉल मजबूत मानसिकता वाली भारतीय टीम के लिए चिंता की बात नहीं है। उन्होंने साथ ही बताया कि पर्थ टेस्ट की तरह ही दूसरे मुकाबले में भी यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल पारी का आगाज करेंगे, जबकि वह खुद मध्यक्रम में उतरेंगे। पिंक बॉल टेस्ट हमेशा की खास होता है और भारत तथा ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड भी इसमें बेहतर रहा है।रोहित शर्मा अपने दूसरे बच्चे के जन्म के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ टेस्ट में नहीं खेल सके थे। हालांकि, वह पहला मैच खत्म होने से पहले ही भारतीय टीम के साथ जुड़ गए थे और उन्होंने एडिलेड टेस्ट की तैयारियां भी शुरू कर दी थी। रोहित पिछले कुछ समय से खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं और रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं। रोहित का बल्ला बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में खामोश रहा था। एडिलेड टेस्ट से पहले ऑस्ट्रेलिया प्रधानमंत्री एकादश के खिलाफ चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए रोहित तीन रन बनाकर आउट हुए थे। रोहित के लौटने से जहां भारतीय टीम को बूस्ट मिलेगा, वहीं कप्तान की नजरें भी फॉर्म में लौटने पर टिकी होंगी। इस साल टेस्ट में कप्तान के रिकॉर्ड की बात करें तो रोहित ने 11 टेस्ट मैचों की 21 पारियों में कुल 588 रन बनाए हैं जिसमें दो शतक और दो अर्धशतक शामिल है। केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल की ओपनिंग जोड़ी ने पर्थ टेस्ट में धमाल मचाया था। इन दोनों ने दूसरी पारी में 201 रनों की साझेदारी कर रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा दी थी। राहुल और यशस्वी के बीच यह साझेदारी SENA देशों यानी दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में भारत की ओर से तीसरे सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी है। इस लिस्ट में शीर्ष पर सुनील गावस्कर और चेतन चौहान हैं। इन दोनों ने 1979 में ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ 213 रन की ओपनिंग साझेदारी की थी। वहीं, 1936 में विजय मर्चेंट और मुश्ताक अली ने मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ 203 रन की साझेदारी की थी। ऑस्ट्रेलिया में किसी विदेशी ओपनिंग जोड़ी द्वारा यह छठी सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी है। वहीं, यशस्वी ने भी शतक लगाकर कई उपलब्धियां अपने नाम की थी। यह उनके टेस्ट करियर का चौथा शतक रहा। वह ऑस्ट्रेलिया में अपने पहले टेस्ट में शतक बनाने वाले सिर्फ तीसरे भारतीय बने। यशस्वी से पहले सुनील गावस्कर और एम जयसिम्हा ने ऑस्ट्रेलिया में अपने पहले टेस्ट में शतक बनाया था। यशस्वी 46 साल में ऐसे पहले भारतीय बल्लेबाज थे, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में अपने पहले टेस्ट में शतक बनाया। संयोग की बात यह है कि ये तीनों शतक भारत की दूसरी पारी में आए। यशस्वी दूसरी पारी में 161 रन बनाकर आउट हुए थे। पहले टेस्ट में छाप छोड़ने वाले स्टार बल्लेबाज विराट कोहली और तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह पर भी नजरें होंगी। कोहली ने पिछले मैच में शानदार शतक जड़कर ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा सैकड़ा जड़ने वाले भारतीय बल्लेबाज बनने के मामले में सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ा था। वहीं, बुमराह ने कुल आठ विकेट चटाकर प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार अपने नाम किया था। कोहली ने अपने करियर में कुल चार पिंक बॉल टेस्ट खेले हैं। उन्होंने इस दौरान छह पारियों में 46.16 के औसत से 277 रन बनाए हैं। कोहली ने बांग्लादेश के खिलाफ 2019 में पिंक बॉल टेस्ट में शतक भी जड़ा था और 136 रनों की पारी खेली थी। भारत के लिए डे-नाइट टेस्ट में सबसे ज्यादा रन विराट ने ही बनाए हैं।सरी ओर, एडिलेड टेस्ट में गुलाबी गेंद से बुमराह का सामना करना काफी मुश्किल काम होगा। गुलाबी गेंद चमक देर तक रहती है और यह तेज गेंदबाजों को देर तक सहायता प्रदान करती है। बुमराह का गुलाबी गेंद के टेस्ट में रिकॉर्ड अच्छा है। उन्होंने तीन दिन-रात्रि के टेस्ट खेले हैं, जिसमें 14.50 की औसत से 10 विकेट लिए हैं। हालांकि उन्होंने 2020 के एडिलेड टेस्ट में दो ही विकेट लिए थे।भारत ने अब तक चार डे-नाइट टेस्ट खेले हैं। इसमें से तीन में उन्हें जीत मिली है, जबकि एक में हार का सामना करना पड़ा है। टीम इंडिया ने डे-नाइट टेस्ट में 75 फीसद मैच जीते हैं। जिस एकमात्र टेस्ट में भारतीय टीम को हार मिली थी, वह चार साल पहले एडिलेड में ही खेला गया था। यह 2020/21 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे का पहला टेस्ट था। विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम इंडिया को इसमें आठ विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा था।भारत ने अपना पहला डे नाइट टेस्ट 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ खेला था और 46 रन से जीत हासिल की थी। यह मुकाबला कोलकाता के ईडन गार्डेन्स में खेला गया था। इसके बाद 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने के बाद टीम इंडिया ने फरवरी 2021 में इंग्लैंड को अहमदाबाद में डे-नाइट टेस्ट में 10 विकेट से और फिर बेंगलुरु में मार्च 2022 में श्रीलंका को 238 रन से शिकस्त दी थी। डे-नाइट टेस्ट में भारत का उच्चतम स्कोर 347/9 का है। बांग्लादेश के खिलाफ टीम इंडिया ने इतने रन बनाए थे। वहीं, न्यूनतम स्कोर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 36 रन का है। टीम इंडिया 2020 में मिली हार को भुलाकर एक नई शुरुआत करना चाहेगी और पर्थ की तरह एडिलेड भी फतह करना चाहेगीसभी की नजरें इस बात पर भी होंगी कि भारतीय टीम का इस मैच के लिए प्लेइंग-11 कैसा होगा। इस मैच के लिए रोहित शर्मा के साथ ही शुभमन गिल की वापसी हुई है जो पर्थ टेस्ट में चोटिल होने के कारण नहीं खेल सके थे। अब इन दोनों के आने से प्लेइंग-11 की दौड़ दिलचस्प हो गई है। भारत ने इसकी घोषणा नहीं की है, लेकिन हम आपको संभावित प्लेइंग-11 के बारे में बता रहे हैं। रोहित पहले ही कह चुके हैं कि वह मध्यक्रम में उतरेंगे, यानी यह स्पष्ट है कि राहुल-यशस्वी शीर्ष क्रम पर होंगे और गिल तीसरे नंबर पर खेलेंगे, जबकि कोहली चौथे स्थान पर बल्लेबाजी के लिए उतरेंगे। पांचवें पर रोहित और छठे नंबर पर विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत होंगे। सातवें नंबर पर ऑलराउंडर नीतीश रेड्डी, आठवें नंबर पर एकमात्र स्पिनर के तौर पर वाशिंगटन सुंदर, नौवें स्थान पर तेज गेंदबाज हर्षित राणा, 10वें पर जसप्रीत बुमराह और 11वें स्थान पर मोहम्मद सिराज उतर सकते हैं।