प्रयागराज महाकुंभ में आने वाली भीड़ के चलते संगमनगरी को जोड़ने वाली सभी सड़कों पर वाहनों की लंबी कतार लगी रही। मिर्जापुर और लखनऊ मार्ग की स्थिति सबसे ज्यादा भयावह रही। यहां पर आठ से दस किलोमीटर लंबी कतार में वाहन रेंगते नजर आए। प्रतापगढ़, कानपुर और वाराणसी रोड पर भी यह स्थिति रही। जाम में फंसे लोग गुजरने वालों से पूछते रहे भैया अभी कितना लंबा जाम है।र भी यह स्थिति रही। जाम में फंसे लोग गुजरने वालों से पूछते रहे भैया अभी कितना लंबा जाम है।

महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को लगातार तीसरे दिन सोमवार को भी जाम से जूझना पड़ा। सबसे खराब स्थिति मिर्जापुर और लखनऊ मार्ग पर रही। यहां पर आठ से 10 किलोमीटर तक गाड़ियों की कतारें लगीं रहीं। वहीं, संगम से अपने घरों को लौट रहे श्रद्धालुओं को भी घंटों जाम से जूझना पड़ा। हालांकि, पिछले तीन दिन के मुकाबले शहरवासियों को जाम से थोड़ी राहत मिली है।प्रवेश प्वाइंट पर करीब छह किमी से अधिक जाम लगा रहा। कुछ वाहनों को प्रयागराज-वाराणसी हाईवे की ओर भेज दिया गया। सिकरी से लगा जाम मलाक हरहर तक रहा। यहां बेला कछार पार्किंग में वाहनों को पार्क कराया गया। फाफामऊ तक रुक-रुक गाड़ियां चलती रहीं। शहर में अलोपीबाग चुंगी, बांगड़ चौराहा, दारागंज, लेप्रोसी, झूंसी, अंदावा, नए यमुना पुल, पुराने यमुना पुल, मेडिकल चौराहा, तेलियरगंज, फाफामऊ, चौफटका, धूमनगंज, सोहबतिया बाग, समेत कई क्षेत्रों में वाहन दिनभर रुक-रुक कर चल रहे थे।

सोमवार सुबह नाै बजे से ही चौफटका पुल, सुलेमसराय, हाईकोर्ट पानी टंकी, नेहरू पार्क रोड समेत अन्य जगहों पर भीषण जाम लग गया। चौफटका पुल खचाखच भरा हुआ था। शहर में आने वालों से ज्यादा जाने वाले श्रद्धालुओं का रेला था। वहीं, शहर के सरकारी कार्यालय के खुलने के कारण भी अधिक भीड़ रही। करीब 11 बजे तक लोग जाम से जूझते रहे। इसके बाद जाम की स्थिति थोड़ा सामान्य हुई।

सुबह के समय से ही श्रद्धालुओं की कई गाड़ियां शहर में प्रवेश कर गईं, लेकिन इन्हें मेले के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। सोहबतियाबाग, बालसन, चुंगी, अलोपीबाग समेत अन्य जगहों पर बैरिकेडिंग कर वाहनों को रोक दिया गया। वहीं, पुलिस ने कई गाड़ियों को केपी ग्राउंड के पास पार्क करवाया। यातायात प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि बाहरी वाहनों के शहर में अंदर आने से उक्त ग्राउंड में वाहनों को पार्क करवाया गया।

– मिर्जापुर-प्रयागराज मार्ग पर रात 1:30 बजे तक जाम लगा रहा, इसके बाद स्थिति सामान्य हुई। सुबह आठ बजे से फिर कठौली से डिगिया तक वाहन रेंगते रहे।
-प्रयागराज-लखनऊ-रायबरेली मार्ग पर छह किमी से अधिक जाम लगा रहा। सिकरी से लगा जाम मलाक हरहर, फाफामऊ तक रुक-रुक गाड़ियां चलतीं रहीं।
-चित्रकूट-प्रयागराज मार्ग पर थोड़ी राहत रही। शंकरगढ़ से निजी समेत अन्य बसों को शहर में प्रवेश नहीं दिया गया। यहां बने पार्किंग पर ही वाहनों को रोका गया।
-प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर जाम की स्थिति सामान्य रही। वाराणसी की ओर से आने वाले वाहनों को सरायइनायत और फिर अंदावा पार्किंग में रोक दिया गया।
-जौनपुर की ओर से प्रयागराज आने वाले वाहनों को रहीमापुर, सहसों के पास रोक दिया गया। कुछ ही वाहनों को मेले तक प्रवेश दिया गया।
-प्रतापगढ़ से प्रयागराज आने वाले वाहन मलाक हरकर तक आ सके। इसके बाद यहां से फाफामऊ तक गाड़ियां रेंगती रहीं।
-कानपुर-प्रयागराज मार्ग की स्थिति सामान्य रही। कौशाम्बी कोखराज से गाड़ियां शहर में प्रवेश कीं।

जनपद की सीमा पर जाम लगने के साथ ही शहर के बांगड़ चौराहा, अलोपीबाग, सोहबतियाबाग, रामबाग, झूंसी, छतनाग, नेहरू पार्क, चौक, बैरहना, कटरा, बालसन, छोटा बघाड़ा, दारागंज, अल्लापुर आदि इलाके भी जाम की चपेट में रहे। शहर के भीतर जाम लगने से व्यापारियों और स्थानीय नागरिकों को काफी दिक्कत हुई। लोग समय से आफिस नहीं पहुंच पाए। कॉलेज और कोचिंग जाने वाले छात्र भी घंटों जाम में जूझते दिखे।