प्रदेश के चमोली, टिहरी, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, देहरादून, पिथौरागढ़, नैनीताल, बागेश्वर, अल्मोड़ा जिले में 39 क्लस्टर में डेमस्क गुलाब की खेती की जा रही है।

उत्तराखंड में डेमस्क गुलाब की खुशबू से रोजगार महक रहा है। पिछले तीन साल में कलस्टर खेती के रूप में किसानों ने डेमस्क गुलाब की खेती को अपनाया है। जिससे खेती का क्षेत्रफल 150 हेक्टेयर तक पहुंच गया है। बाजार में गुलाब तेल की कीमत 12 से 13 लाख रुपये प्रति लीटर है। इसका इस्तेमाल परफ्यूम, फ्लेवर के साथ कॉस्मेटिक उत्पादों में किया जाता है। डेमस्क गुलाब की खेती को एरोमा टूरिज्म से जोड़ा जा रहा है।प्रदेश के चमोली, टिहरी, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, देहरादून, पिथौरागढ़, नैनीताल, बागेश्वर, अल्मोड़ा जिले में 39 क्लस्टर में डेमस्क गुलाब की खेती की जा रही है। सगंध पौध केंद्र सेलाकुई ने प्रदेश में डेमस्क गुलाब खेती की शुरुआत बाउंड्री फसल के रूप में की थी। इसमें खेतों के चारों तरफ डेमस्क गुलाब को लगाया गया। जिससे जंगली जानवर अन्य फसलों को नुकसान न पहुंचा सके। अब इसे व्यावसायिक खेती के रूप में किसान अपना रहे हैं।सगंध पौध केंद्र की ओर से किसानों को खेती में तकनीकी सहयोग करने के साथ बाजार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में प्रदेश में लगभग 100 हेक्टेयर पर डेमस्क गुलाब की खेती हो रही थी। 2024-25 में बढ़ कर 150 हेक्टेयर तक पहुंच गई है। प्रति वर्ष लगभग 700 क्विंटल गुलाब का उत्पादन किया जा रहा है।